नीमच। जिला मुख्यालय से लगभग 15 किमी दूर ग्राम पिराना में क्षेत्र के जाने माने कथा वाचक पंडित श्री सुभाष जी शास्त्री के मुखारबिंद से श्रीमद् भागवत कथा के पांचवे दिवस में आज श्री शास्त्री ने माता पिता की सेवा को ही सबसे बड़ा धर्म बताया। भागवत कथा के पंचम दिवस में शास्त्री ने कहां की जब-जब धर्म की हानि हुई तब तक परमात्मा का जन्म हुआ एवं मर्यादा पुरुषोत्तम ने जन्म लेते ही सर्वप्रथम ताड़का का वध किया ऐसे ही मेरे कृष्ण ने जन्म लेते ही सर्वप्रथम पूतना का वध किया। परमात्मा कण- कण में निवास करता है लेकिन परमात्मा को याद करने वाला चाहिए अपने अंतर भाव से और जब तक अपना अपने परमात्मा को अंतर भाव से याद नहीं करेंगे तब तक परमात्मा आपको मिलने वाला नहीं है। गिर्राज उत्तरण भगवान की कथा सुनाई ऐसे कहीं कथा सुनाई एवं श्रोताओं को ज्ञान का उपदेश सुनाएं धर्म से जुड़ने का एक मार्ग बताया। ज्ञात हो उक्त आयोजन 7 दिवसीय है जिसमे 5 दिन पूर्ण हो चुके है। रविवार को रुक्मणी विवाह का दृष्टान्त सुनाया जायेगा।
भगवत कथा के इस भव्य आयोजन से पुरे गाव में भक्तिमय वातावरण बन चूका है। सभी ग्रामीण बड़े ही हर्ष के साथ इस आयोजन में बढ़ चढ़कर भाग ले रहे है। आयोजनकर्ताओ ने बताया की सोमवार को कथा का अंतिम दिन है। और इस दिन महाप्रसादी का आयोजन किया जायेगा। आयोजन समिति ने क्षेत्र की धर्म प्रेमी जनता से आव्हान किया है की बड़ी संख्या में आकर भगवत कथा और महाप्रसादी का लाभ ले।