अफीम फैक्ट्री के महाप्रबंधक ट्रेप के बाद सक्रिय दलाल चम्पा का गुंज रहा है नाम, किसानो को पट्टे जारी करने में चम्पा के जरीए होता है तोडबट्टा, किसान की अफीम औसत से नही होता लेना—देना, यहां तो रूपये का वजन तोलकर दलाल करवाता है पट्टा जारी



नीमच। नीमच अफीम शारौद फैक्टी ऐशीया की प्रमुख फैक्ट्री में ख्यात है, लेकिन यहां जितना फैक्ट्री का नाम है उससे ज्यादा यहां के कर्मचारी और अधिकारियो का भी भ्रष्टाचार की लिस्ट में नाम शुमार है।  और जिसका ताजा उदाहण अफीम फैक्ट्री महाप्रबंधक शशांक यादव भी सामने है, जिन्होने चंद रूपयो के खातीर गुनाह पर गुनाह किया और आखिरकार एक दिन रंगे हाथ पकड़ा गया। ऐसा ही एक मामला वर्तमान में सुर्खिया बना हुआ है। अफीम फैक्ट्री में चम्पा नाकम व्यक्ति अधिकारियो से लेकर निचले कर्मचारियो तक पकड रखता है। जो भी किसान अफीम लाता है उसकी जांच रिर्पोट में हैर—फैर और तोड़बट्टे का सारा जिम्मा चप्पा ही लेता है। प्रत्येक अफीम काश्तकारो से उसकी अफीम का औसम उत्तीर्ण बताने के लिए लाखो की डिमांड की जाती है। चम्पा दलालो में मुख्य सरगना बनकर किसानो से सेटिंग बिठाने का ठेका लेता है और हर वर्ष अफीम पट्टा जारी करवाने के नाम पर भोले—भाले किसानो को लूट कर कुछ अधिकारियो और खुद की जेब करोड़ो में भरता है। आज हकीकत खंगाली जाए तो चम्पा के पास बेशुमार दौलत, अकुत सम्पत्ती है और ये सब चम्पा ने दलाली के मार्फत हांसिल किया है। अफीम फैक्ट्री महाप्रबंघक शशांक यादव पर जिस तहर से शासन से शिकंजा कसा था, उसी तर्ज पर चम्पा की भी बारीकी से जांच होना आवश्यक है। समय रहते चम्पा का भांडाफोड नही हुआ तो यू ही अफीम काश्तकार चम्पा के हाथ की कठपुथली बनकर अफीम रिपोर्ट पास करवाने के नाम पर लाखो रूपये लुटाते रहेंगे।