उल्लेखनीय है कि नीमच के तत्कालीन एसपी मनोजकुमार सिंह ने 25 हजार का ईनामी तस्कर कमल राणा को वर्ष 2016 मे राजस्थान के रणथम्बोर से गिरफ्तार किया था। कमल राणा पर 25 से अधिक प्रकरण एनडीपीएस एक्ट सहित विभिन्न धाराओं के है। नीमच कनावटी जेल के बाद राजस्थान की जेलों में संबंधित प्रकरणों में कमल राणा बंद रहा। पिछले कुछ माह पहले वह जेल से छूटा है, जेल से छूटने के बाद फिर से उसने उसके तस्करी के नेटवर्क को जिंदा करना शुरू कर दिया। अब स्थिति यह है कि नीमच, मंदसौर, प्रतापगढ जिले में उसकी एक गैंग काम कर रही है। कमल राणा छोटे—छोटे तस्करों का आंका बन गया है। वह ग्रामीण क्षेत्र से डोडाचूरा, अफीम और स्मैक एकत्रित करवाता है और बडी खेप बाहर भिजवाता है। इसके लिए तस्कर राणा ने मुखबिर तंत्र के अलावा मैनेज तंत्र को भी मजबूत कर दिया है और जहां—जहां गाडिया पकडाती है, वहां—वहां गाधीजी के जरिए काम निकाला जा रहा है।
नारायणगढ़ थाना क्षेत्र में हाजी बंधुओ के मर्डर का आरोपी कुख्यात तस्कर कमल राणा जैल से बाहर आने के बाद लगातार नीमच जिले में सक्रिय है। हिन्दू डॉन के नाम से जाने वाला कमल राणा की एंट्री अब चिताखेड़ा के जंगलों में इन दिनों देखी जा रही हैं। दो नंबर का कारोबार भी इन दिनों इस क्षेत्र में खूब फल फूल रहा हैं। जहाँ राणा की अवैधानिक गतिविधियों जोरो पर हैं। जानकारों की माने तो इस क्षेत्र में नशे का कारोबार राणा के साथियों द्वारा किया जा रहा हैं। वही कमल राणा की एंट्री से क्षेत्र में तस्करों के हौसले बुलंद होते जा रहे हैं।
कुख्यात तस्कर कमल राणा ने नीमच, मंदसौर, प्रतापगढ जिले में करीब 200 से अधिक ग्रामीण क्षेत्र के युवाओं का नेटवर्क तैयार कर तस्करी की गतिविधियों को अंजाम दिया जा रहा है। हर थाने पर एक या दो पुलिसकर्मियों को गैंगस्टर कमल राणा ने सेट कर रखे है, जिन्हें मासिक बंदी कमल राणा द्वारा दी जा रही है और वे ही पुलिसकर्मी कमल राणा के नेटवर्क को गांव—गांव में फैलाने का काम कर रहे है। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने मादक माफियाओं के खिलाफ अभियान छेड रखा है, ऐसे में कमल राणा की सक्रियता और अधिक बढना वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के लिए चुनौती बना हुआ है।